
स्पेशल रिपोर्ट: मोहब्बत, धर्म, और वापसी का ड्रामा — दानिया उर्फ़ राधा का 6 महीने का सफ़र, अब बदले बयान से मचा भूचाल
लखनऊ/वृंदावन।
ये कहानी सिर्फ़ एक लड़की और एक लड़के की मोहब्बत की नहीं है… ये कहानी है भरोसे, फैसलों और बदलते रिश्तों की। छह महीने पहले दानिया नाम की एक युवती ने ऐसा कदम उठाया जिसने घर-परिवार, समाज और सोशल मीडिया—सबको हिला दिया।
वह घर छोड़कर चली गई… अपने माता-पिता, धर्म, और पुराने रिश्तों से नाता तोड़कर हर्षित के साथ वृंदावन पहुँची। वहां उसने खुद को ‘राधा’ घोषित किया और धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हुए रील्स बनाई, होली खेली और कैमरे पर पिता से कहा—
“पापा, मैं जहाँ भी हूँ, खुश हूँ”
तब दानिया का दावा था कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है। उसने सुरक्षा की मांग भी की, जिससे यह मामला सिर्फ़ पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक बहस का मुद्दा बन गया।
📅 फरवरी 2025 से अगस्त 2025 तक—छह महीने की गाथा:
फरवरी: दानिया का घर छोड़ना, हर्षित के साथ वृंदावन में दिखना।
मार्च: सोशल मीडिया पर धार्मिक आयोजनों के वीडियो वायरल।
अप्रैल: दानिया का लिखित बयान—धर्म परिवर्तन किया, सुरक्षा चाहिए।
जून: दोनों की कई तस्वीरें और वीडियो वायरल होते रहे।
अगस्त: दानिया अचानक घर लौट आई, बयान बदल दिया।
🏠 वापसी के बाद का बयान—सब कुछ उलट गया:
घर लौटने के बाद दानिया ने साफ कहा—
“मैंने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया। हम शादीशुदा नहीं थे, सिर्फ़ लिव-इन में रह रहे थे। अब मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहती हूँ।”
🔥 अब उठते सवाल:
क्या मोहब्बत सिर्फ़ एक क्षणिक जुनून थी?
क्या धर्म परिवर्तन का दावा दबाव में किया गया?
लिव-इन का रिश्ता क्यों टूटा—आपसी मतभेद, आर्थिक कारण या परिवार का दबाव?
हर्षित की चुप्पी क्या कहानी का छिपा हुआ हिस्सा है?
💬 समाज की प्रतिक्रिया:
परिवार: “हमारी बेटी वापस आ गई, यही हमारे लिए सबसे बड़ी राहत है।”
स्थानीय लोग: “इतना बड़ा कदम लेने के बाद अचानक वापसी चौंकाने वाली है।”
सोशल मीडिया: एक तबका इसे प्यार का हश्र बता रहा है, तो दूसरा इसे समाज के दबाव की जीत।
📌 रिपोर्ट: एलिक सिंह — संपादक, समृद्ध भारत समाचार / वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍 उत्तर प्रदेश महासचिव – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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